केंद्रीय संस्थानों में बैठे अंग्रेजीदा अफसर आखिर हिंदी को सम्मान देने को मजबूर हो ही गए । देशव्यापी टीकाकरण के मामले में टीकाकरण वाली वेबसाइट हिंदी में तैयार हो, इसके लिए मुंबई के हिंदी सेवी प्रवीण जैन को चार महीने अथक प्रयास करना पड़ा। प्रवीण जैन बताते हैं कि कोरोना काल में भी भारत सरकार का स्वास्थ्य विभाग सारा काम काज अंग्रेजी में ही कर रहा है और इस वैश्विक महामारी से बचने के सभी उपाय, दिशा-निर्देश, मोबाइल एप, वेबसाइट आदि केवल अंग्रेजी में तैयार किए गए। कंपनी सचिव जैन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयों को लगातार पत्र लिखे और आरटीआई आवेदन लगाए। उन्होंने राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तक का दरवाजा खटखटाया।
अथक परिश्रम के बाद अब राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण की वेबसाइट कोविन www.cowin.gov.in को हिंदी और मराठी समेत 11 भारतीय भाषाओं में तैयार किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें